भारत से 5,000 किलोमीटर दूर दो देशों में हिंदू मंदिर को लेकर छिड़ गई जंग... बॉर्डर पर चल रहे गोले

Thailand Cambodia Clashed
Thailand Cambodia Clashed: पिछले साल थाईलैंड और कंबोडिया ने थाई-कंबोडियन फ्रेंडशिप ब्रिज पर एक परमानेंट बॉर्डर चेकपॉइंट खोला, जिससे वर्षों से उनके रिश्ते में एक नया मोड़ आया. इसके लगभग एक साल बाद सीमावर्ती क्षेत्र दो साउथ ईस्ट-एशियाई पड़ोसियों के बीच एक हजार साल पुराने हिंदू मंदिर को लेकर चल रहे विवाद को लेकर एक घातक झड़प का स्थल बन गया है, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई जबकि 14 घायल हो गए.
हालांकि, यह विवाद एक सदी से भी ज्यादा पुराना है. इस विवाद को लेकर इस साल मई में उस समय तनाव बढ़ गया था, जब एमराल्ड ट्रायंगल में थाई सैनिकों के साथ झड़प के दौरान एक कंबोडियाई सैनिक की कथित तौर पर मौत हो गई. इसके बाद तीखी बहस हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आक्रामक होने का आरोप लगाया.
झड़पों की शुरुआत कैसे हुई?
युद्धोन्माद के चलते जून में दोनों देशों ने सीमा के पास सैनिकों की संख्या बढ़ा दी, लेकिन जल्द ही मामला शांत हो गया. हालांकि, तनाव कम होने के बावजूद दोनों देशों के बीच बदले की कार्रवाई जारी रही, जिसमें निर्यात पर प्रतिबंध लगाना और थाईलैंड द्वारा कंबोडिया की बिजली सप्लाई बंद करने की धमकी देना शामिल है.
जुलाई में मामला उस समय चरम पर पहुंच गया, जब एक बारूदी सुरंग विस्फोट में पांच थाई सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए. इस घटना के लिए थाईलैंड ने कंबोडिया को जिम्मेदार ठहराया. हालांकि, कंबोडिया ने इन दावों को नकार दिया.
इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध बेहद खराब हो गए, क्योंकि थाईलैंड ने कंबोडियाई राजदूत को निष्कासित कर दिया और सभी बॉर्डर चेकपॉइंट बंद कर दिए. कंबोडिया ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बैंकॉक स्थित अपने दूतावास को खाली कर दिया और राजनयिक संबंधों को कम कर दिया.
F-16 जेट तैनात, रॉकेट दागे गए
जानकारी के मुताबिक गुरुवार को सीमावर्ती सूरीन और ओद्दार मींचे प्रांतों के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच गोलीबारी के बाद संघर्ष नाटकीय रूप से बढ़ गया. संघर्ष में थाईलैंड का सी सा केत प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जहां एक गैस स्टेशन पर गोलीबारी में छह नागरिक मारे गए.सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में थाईलैंड के लोग बैकग्राउंड में आर रही विस्फोटों की आवाज के बीच अपने घरों से बाहर निकलकर कंक्रीट के बंकर में शरण लेते हुए दिखाई दे रहे हैं.
एपी की रिपोर्ट के अनुसार थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि कंबोडिया ने थाईलैंड में सैन्य और गैर-सैन्य दोनों जगहों पर रॉकेट दागे, जिनमें सूरीन प्रांत का फानोम डोंग राक अस्पताल भी शामिल है. थाईलैंड ने जवाब में अपने F-16 लड़ाकू विमान तैनात करके कंबोडिया के सीमावर्ती इलाकों पर बमबारी की.
सीमा तनाव के पीछे का इतिहास
थाईलैंड और कंबोडिया 800 किलोमीटर से ज्यादा लंबी भूमि सीमा साझा करते हैं. यह सीमा फ्रांसीसी उपनिवेशवादियों द्वारा उस समय खींची गई थी जब उन्होंने 1863 से 1953 तक कंबोडिया पर कब्जा किया था. 1907 में सीमा को लेकर एक समझौता हुआ था. हालांकि, बाद में थाईलैंड ने इस मैप को चुनौती दी और 11वीं शताब्दी के एक हिंदू मंदिर (प्रीह विहियर) को कंबोडियाई क्षेत्र में रखे जाने पर आपत्ति जताई.
1959 में कंबोडिया इस मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में लेकर आया, जिसने उसके पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि मंदिर कंबोडियाई क्षेत्र में आता है. हालांकि, थाईलैंड ने उस समय इस आदेश को मान्यता दी थी, लेकिन उसने तर्क दिया कि आसपास की सीमाएं अभी भी विवादित हैं.
दोनों देशों के बीच संबंध 2008 में तब खराब हो गए जब कंबोडिया ने मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में रजिस्टर करने का प्रयास किया. इसका थाईलैंड ने तीखा विरोध किया और वर्षों से दोनों देशों के सैनिकों के बीच छिटपुट झड़पें होती रही हैं.
हालिया झड़प से पहले आखिरी बार कोई बड़ा टकराव 2011 में हुआ था. दोनों देशों के बीच एक हफ्ते तक चली लड़ाई में कम से कम 15 लोग मारे गए और हजारों नागरिक विस्थापित हुए.
प्रीह विहार मंदिर के बारे में
यूनेस्को की वेबसाइट पर दी जानकारी के मुताबिक प्रीह विहार मंदिर कंबोडिया के मैदान पर स्थित एक पठार के किनारे स्थित प्रीह विहार मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर 800 मीटर लंबी धुरी पर फुटपाथों और सीढ़ियों के एक सिस्टम द्वारा जुड़े हुए कई अभयारण्यों से बना है और इसका निर्माण 11वीं शताब्दी ईस्वी के पूर्वार्ध में हुआ था. फिर भी इसका जटिल इतिहास 9वीं शताब्दी से जुड़ा है, जब इस आश्रम की स्थापना हुई थी.
यह स्थल अपनी आर्किटेक्चर की क्वालिटी के लिए जाना जाता है, जो प्राकृतिक वातावरण और मंदिर के धार्मिक कार्य के अनुकूल होने के साथ-साथ ही अपने नक्काशीदार पत्थर के कर्व की असाधारण क्वालिटी के लिए भी जाना जाता है.